Small Savings Schemes- जुलाई-सितंबर 2025 के लिए छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें घोषित, सुकन्या योजना पर मिलेगा 8.2% ब्याज

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Small Savings Schemes- जुलाई-सितंबर 2025 के लिए छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें घोषित, सुकन्या योजना पर मिलेगा 8.2% ब्याज

वित्त मंत्रालय ने जुलाई से सितंबर 2025 की तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं (Small Savings Schemes) की ब्याज दरों का ऐलान कर दिया है। इस बार राहत की बात यह रही कि किसी भी योजना की ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है

यानी ग्राहक अब भी पूर्ववत ब्याज दरों का लाभ उठा सकेंगे।

किस योजना पर कितना ब्याज मिलेगा?

1. सुकन्या समृद्धि योजना (SSY):

इस लोकप्रिय योजना में इस तिमाही भी 8.2% सालाना ब्याज मिलेगा। अप्रैल-जून 2025 की दरें भी यही थीं। यह योजना बेटियों के लिए एक सुरक्षित निवेश विकल्प मानी जाती है।

2. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS):

8.2% सालाना ब्याज। भुगतान हर तिमाही में किया जाता है।

3. नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC):

ब्याज दर 7.7% पर स्थिर रखी गई है।

4. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF):

इस योजना में निवेश पर 7.1% सालाना ब्याज मिलता रहेगा।

5. पोस्ट ऑफिस एफडी (Time Deposit):

1 से 5 साल की FD पर ब्याज दर 7.5% तक बनी रहेगी — जो डाकघर की योजनाओं में सबसे अधिक मानी जा रही है।

6. पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS):

ब्याज दर 7.4% पर स्थिर रखी गई है। यह योजना खासकर पेंशनर्स और रिटायर्ड कर्मचारियों के बीच लोकप्रिय है।

7. किसान विकास पत्र (KVP):

7.5% सालाना ब्याज की दर पहले की तरह लागू रहेगी। यह योजना तय अवधि में धन को लगभग दोगुना कर देती है।

8. पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट (POSA):

ब्याज दर 4% ही रहेगी। यह दर 2011 से ही स्थिर है क्योंकि इसका उद्देश्य ग्रामीण और कमजोर वर्गों को बचत के लिए प्रेरित करना है।

ब्याज दरों में बदलाव क्यों नहीं हुआ?

2025 की शुरुआत से सरकारी बॉन्ड यील्ड और बाजार के रिटर्न में गिरावट देखी जा रही है। ऐसे में संभावना जताई जा रही थी कि ब्याज दरें घटाई जा सकती हैं। लेकिन सरकार ने आम निवेशकों को राहत देते हुए ब्याज दरों को स्थिर रखने का फैसला लिया है।

Taaza360 विश्लेषण:

छोटी बचत योजनाएं आम जनता, खासकर मध्यम वर्ग, ग्रामीण और बुज़ुर्गों के लिए सुरक्षित निवेश का जरिया हैं। ब्याज दरों को स्थिर रखना बताता है कि सरकार मौजूदा आर्थिक माहौल में जनता पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं डालना चाहती।

Leave a Comment