Guru Poornima (गुरु पूर्णिमा): ज्ञान के प्रकाश से जीवन को रोशन करने का पर्व
आज, गुरुवार, 10 जुलाई 2025 को पूरे भारतवर्ष में श्रद्धा और समर्पण के साथ ‘गुरु पूर्णिमा’ का पावन पर्व मनाया जा रहा है। यह दिन गुरु और शिष्य के पवित्र रिश्ते को समर्पित है, जो हमें ज्ञान, विवेक और सही दिशा प्रदान करते हैं। यह सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि अपने गुरुओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लेने का एक अनुपम अवसर है।
गुरु पूर्णिमा क्यों मनाते हैं? इसका महत्व क्या है?
गुरु पूर्णिमा का पर्व आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। महर्षि वेद व्यास को हिंदू धर्म में एक महान गुरु और प्रकांड विद्वान माना जाता है, जिन्होंने वेदों का विभाजन किया, महाभारत जैसे महाकाव्य की रचना की और अठारह पुराणों को लिखा। इसलिए इस पावन दिन को ‘व्यास पूर्णिमा’ के नाम से भी जाना जाता है।
भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान ईश्वर से भी ऊपर माना गया है। कबीर दास जी ने कहा है: गुरु गोबिंद दोऊ खड़े, काके लागूं पांय। बलिहारी गुरु आपने, गोबिंद दियो बताए।।
यह दोहा गुरु के महत्व को स्पष्ट करता है कि गुरु ही हमें अज्ञानता के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाते हैं और ईश्वर तक पहुंचने का मार्ग दिखाते हैं। जीवन के हर मोड़ पर हमें सही-गलत का बोध कराने वाले, चुनौतियों का सामना करने की शक्ति देने वाले और हमारे व्यक्तित्व को गढ़ने वाले ही गुरु होते हैं। यह गुरु कोई स्कूल का शिक्षक ही नहीं, बल्कि हमारे माता-पिता, बड़े-बुजुर्ग, जीवन में सीख देने वाला कोई भी व्यक्ति, या यहाँ तक कि प्रकृति और हमारे अनुभव भी हो सकते हैं।
कैसे मनाते हैं गुरु पूर्णिमा?
गुरु पूर्णिमा के दिन शिष्य अपने गुरुओं का सम्मान करते हैं। वे उन्हें फूल, वस्त्र, दक्षिणा और अन्य उपहार भेंट कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस दिन गुरुओं के चरणों का स्पर्श कर उनसे आशीर्वाद लेना अत्यंत शुभ माना जाता है। मंदिरों और आश्रमों में विशेष पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। कई जगहों पर शिष्य अपने गुरुओं के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए पदयात्राएं भी निकालते हैं। विद्यार्थी अपने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं और उनसे भविष्य के लिए मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं।
आधुनिक युग में भी गुरु पूर्णिमा का महत्व कम नहीं हुआ है। आज भी हमें जीवन के हर क्षेत्र में सही मार्गदर्शन और प्रेरणा की आवश्यकता होती है। चाहे वह शिक्षा का क्षेत्र हो, व्यवसाय का, या व्यक्तिगत जीवन का, एक सच्चे गुरु का साथ हमें सफलता और संतोष की ओर ले जाता है।
गुरु पूर्णिमा का संदेश:
गुरु पूर्णिमा का पर्व हमें सिखाता है कि हमें हमेशा विनम्र रहना चाहिए और ज्ञान प्राप्त करने के लिए तत्पर रहना चाहिए। यह हमें याद दिलाता है कि गुरु का स्थान हमारे जीवन में सर्वोपरि है और हमें उनके प्रति हमेशा कृतज्ञ रहना चाहिए। इस पावन अवसर पर आइए हम सभी अपने उन गुरुओं को नमन करें, जिन्होंने हमें किसी न किसी रूप में ज्ञान का दान दिया है और हमारे जीवन को संवारा है।
Taaza360 team की ओर से आप सभी को गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएँ! ज्ञान के इस प्रकाश पर्व पर आपका जीवन सदा रोशन रहे।